आदतन तुम ने कर िदये वादे
August 11 2015
Written By Gurjar Upendra
आदतन तुम ने कर िदये वादे
आदतन हम ने ऐतबार िकया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार िकया
अब ना माँगेंगे िजन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार िकया
———————————
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में
जाना किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
दर्द मज़े लेता है जो दुहराने में
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में
रात गुज़रते शायद थोड़ा वक्त लगे
ज़रा सी धूप दे उन्हें मेरे पैमाने में
दिल पर दस्तक देने ये कौन आया है
किसकी आहट सुनता है वीराने मे ।
—————————————
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते
जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा
जाने वालों के लिये दिल नहीं थोड़ा करते
तूने आवाज़ नहीं दी कभी मुड़कर वरना
हम कई सदियाँ तुझे घूम के देखा करते
More from Gurjar Upendra
More Shayri
Interactive Games
Whats My Spell
રમત રમતાં સાચી અને ખોટી જોડણીમાંથી સાચી જોડણીવાળા શબ્દની પસંદગી કરો શબ્દની જોડણી વિશેની માહિતી મેળવો.
Jumble Fumble
કહેવતના આડા અવળાં ગોઠવાયેલા શબ્દોને યોગ્ય ક્રમમાં ગોઠવી સાચી કહેવત અને તેનો અર્થ જણાવતી રમત એટલે જંબલ ફંબલ
Word Search
આડા ઊભાં ગોઠવાયેલા શબ્દોમાંથી સાચો શબ્દ શોધતી ગુજરાતી ભાષાની ઓનલાઇન રમાતી પ્રથમ રમત એટલે વર્ડ સર્ચ.